लेखनी कहानी - आग के बीज भाग १
आग के बीज भाग 1
आदि काल के मनुष्यों को अग्नि (आग) के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इस काल में कोई यह नहीं जानता था की आग क्या होती है। रौशनी न होने के कारण रात भी अंधेरी और डरावनी होती थी। तेज़ ठण्ड, डर और अँधेरे में वो सिमट कर सोते थे।
आग न होने के कारण जंगली जानवर मानव को खा जाते थे। मानव घास फूस और कच्चा मॉस ही खाते थे जिसके कारण वो ज्यादा बीमार रहते थे और जल्दी मर जाते थे। यानि उनकी आयु भी कम होती थी। उस समय के मानव का जीवन जानवरों से भी बत्तर था।
यह सब स्वर्ग लोक में बैठे फुशि नाम का देवता ने देखा तो उन्हें धरती पर रहने वाले इन मानवों के बारे में बहुत चिंता हुई। उन्होंने सोचा यदि मानव इसी तरह कच्चा भोजन करते रहे और जंगली जानवर मानवों का शिकार करते रहे तो इस पृथ्वी पर मानव जीवन समाप्त हो जायेगा। इसका हल खोजते खोजते उन्हें एक उपाय सूझा। उन्होंने सोचा क्यों न मानव को आग से परिचित करवाया जाए।